हमारे हिंदू समाज में तुलसी विवाह काफी पुण्य का काम माना जाता है, ऐसी हमारी हिंदू समाज में मान्यता है कि जो व्यक्ति तुलसी विवाह को पूरे विधि विधान से करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
लेकिन बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो तुलसी विवाह करने की विधि नहीं जानते हैं इसलिए वह तुलसी विवाह के बारे में जानने को उत्सुक होते और थोड़ा परेशान भी रहते हैं, कि वह किस प्रकार तुलसी विवाह करके अपने जीवन के कष्ट को दूर कर सके।
अगर आप भी तुलसी विवाह के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़िए आज किस आर्टिकल में हम आपको तुलसी विवाह कैसे करें इसके बारे में संपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं।
तो चलिए अब हम जानते हैं तुलसी विवाह कैसे करें?
तुलसी विवाह कैसे करे (tulsi vivah kaise kare)

तुलसी विवाह बिल्कुल एक हिंदू शादी की तरह कराया जाता है जिसमें माता तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप से कराया जाता है।
लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आप तुलसी विवाह कभी भी कर सकते हैं, तुलसी विवाह के लिए एक तिथि होती है देवउठनी एकादशी जिस दिन आपको तुलसी विवाह विधि विधान से करना होता है।
अब सवाल आता है कि आप हिंदू शादी की तरह तुलसी विवाह कैसे कर सकते हैं? तो आपकी जानकारी के लिए मैं आपको बता दूं जिस प्रकार आप हिंदू शादी में एक मंडप बनाकर पंडित के द्वारा लड़का और लड़की का विवाह करवाते हैं।
ठीक उसी प्रकार आपको देवउठनी एकादशी में भी भगवान विष्णु की शालिग्राम रूप का तुलसी माता के साथ विवाह कराना होता है।
अब आपके मन में सवाल आएगा कि हिंदू विवाह में हम मंडप जिस प्रकार बनाते हैं ठीक उसी प्रकार आप तुलसी विवाह में मंडप कैसे बना सकते हैं।
तो चलिए अब हम जानते हैं तुलसी विवाह के लिए मंडप कैसे बनाते हैं?
Tulsi Vivah ka mandap Kaise banaye?
तुलसी विवाह का मंडप बनाने के लिए आपको अत्यधिक सामग्री की आवश्यकता नहीं होती आपको केवल चार लंबे-लंबे गन्ने लाने होते हैं और उससे एक विवाह का मंडप तैयार करना होता है।
आपने अक्सर विवाह के मंडप में देखा होगा कि चारों तरफ केले के वृक्ष जैसा डाली लगी रहती है और बीच में मंडप यानी जहां विवाह होता है वह स्थल तैयार किया जाता है।
ठीक उसी प्रकार आपको गन्ने के द्वारा विवाह मंडप तैयार करना होता है और बीच में भगवान शालिग्राम और तुलसी मां को स्थापित करना होता है।
बीच में मंडप तैयार करने के लिए आपको वहां पर दो पूजा की चौकी स्थापित करनी होगी जो की एक वर पक्ष की होगी और एक वधू पक्ष की, जिसमें आपको वर पक्ष में भगवान विष्णु के प्रतिमा जो की शालिग्राम रूप में विराजित होगी और वधू पक्ष में तुलसी मां को स्थापित करना होता है।
उसके बाद संपूर्ण विधि पूर्वक आपको तुलसी मां और शालिग्राम यानि भगवान विष्णु की विवाह की विधि पूरी करनी होती है।
अब आपके मन में सवाल आएगा हमने तुलसी विवाह करने हेतु मंडप तो बना लिया लेकिन तुलसी विवाह हेतु विधि क्या होती है?
तो चलिए अब हम तुलसी विवाह की विधि को भी जानते हैं।
Tulsi Vivah ki vidhi kya hai?
जैसा कि हमने आपको बताया कि आपको तुलसी विवाह करने के लिए सबसे पहले गन्ने के द्वारा एक मंडप तैयार करना होता है, उसके बाद आपको संपूर्ण विधि से तुलसी विवाह करना होता है।
विधि को जानने के लिए हमारे द्वारा बताए जाने वाले निम्न निर्देशों को पढ़ें।
- आपको मंडप के अंदर तुलसी मां को गमले सहित रखना होता है, अगर आपके घर में तुलसी मां का एक स्थल मौजूद है तो उस स्थल के चारों ओर ही आपको मंडप बनाना होता है।
- आपको मंडप के अंदर चारों ओर एक अच्छी रंगोली बनाकर चौकी स्थापित कर लेनी होती है।
- रंगोली के बाद उस पर रखे चौकी पर सफेद तिल का आसन देकर शालिग्राम स्थापित करें।
- उसके बाद आपको तुलसी मां को चुनरी चढ़ाना होता है और शालिग्राम भगवान को भी एक पीले रंग की शालूक देनी होती है।
- भगवान गणेश को भी सफेद तिल का आसन देकर स्थापित करना होता है।
- उसके बाद आपको एक तांबे या पीतल का कलश लेना है और उसे शुद्ध जल यानी गंगाजल से भर लेना है।
- गंगाजल से भरने के बाद उसमें सुपारी, हल्दी, सिक्का, तिल और रोली डालें।
- उसके बाद दूर्वा के द्वारा सभी प्रतिमाओं पर जल का छिड़काव करें।
- फिर देवी तुलसी और भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाए, उसके बाद तुलसी मां को सिंदूर अर्पित करें।
- इसके बाद आप अपनी क्षमता अनुसार 1 से 5 दीपक प्रज्वलित करें।
- गणेश जी को दूर्वा, पुष्प, जानोऊ आदि चढ़ाए।
- तुलसी मां को पुष्प आदि अर्पित करने के बाद सिंगार की 16 सामग्री अर्पित करें।
- उसके बाद वरमाला हेतु दो माला ले और पहली माला तुलसी माता को स्पर्श कराकर भगवान शालिग्राम को पहनाएं और भगवान शालिग्राम को माला स्पर्श कराकर तुलसी मां को पहनाए।
- इसके बाद भगवान शालिग्राम और तुलसी मां का गठबंधन करें, जिस प्रकार विवाह में पति और पत्नी का गठबंधन होता है ठीक उसी प्रकार भगवान शालिग्राम और तुलसी मां का गठबंधन करें।
- गठबंधन के लिए अपने तुलसी मां को जो चुनरी चढ़ाई है उसको और भगवान शालिग्राम को जो पीले रंग का शालूक चढ़ाया है उसे बांधे।
- इस जोड़ के लिए आपको पीले रंग का पुष्प, हल्दी या सिक्का लेना है।
- इसके बाद सभी भगवानों को धूप दीप दिखाकर भोग अर्पित करें।
- आप तुलसी मां के विवाह के भोग में कई सारे फलों को अर्पित कर सकते हैं यह आपकी श्रद्धा और आपकी क्षमता पर निर्भर करता है कि आप कितने फलों को दे सकते हैं।
- इसके बाद तुलसी मां और भगवान शालिग्राम को हल्दी का लेप लगाए।
- अब गन्ने के मंडप को भी हल्दी से ले सकते हैं और उसके बाद आप उसे मंडप की परिक्रमा लगे।
- आपको शालिग्राम जी की चौकी लेकर करीब सात बार तुलसी मां की परिक्रमा करनी है।
- उसके बाद भगवान शालिग्राम और तुलसी मां की मंगलमय आरती कर के विवाह संपन्न करें।
इस प्रकार आप इन सभी प्रक्रियाओं को अपनाकर तुलसी विवाह कर सकते हैं तुलसी विवाह करने के लिए हमारे द्वारा बताए गए यह सभी विधि विधान करने बहुत जरूरी है तभी माता तुलसी और भगवान शालिग्राम प्रसन्न होकर आपके आशीर्वाद देते हैं।
FAQ – Tulsi Vivah kaise kare related questions
#1. Ghar mein Tulsi Vivah kaise karte hai?
अगर आपको अपने घर में तुलसी विवाह करना है तो उसके लिए आपको बिल्कुल हिंदू रीति रिवाज से तुलसी मां और भगवान शालिग्राम यानी विष्णु भगवान की विवाह की विधि पूरी करनी होती हैं।
#2. Tulsi Vivah kab hota Hai?
तुलसी विवाह हर साल देवउठनी एकादशी के दिन होता है, देवउठनी एकादशी के दिन भगवान शालिग्राम और तुलसी मां का विवाह हुआ था इसलिए इस दिन तुलसी विवाह मनाया जाता है।
#3. Tulsi Vivah mein kya chadhta hai?
जिस प्रकार एक विवाह में सभी प्रकार के सिंगर के समान एवं एक विवाहित जोड़े को जो चीज अर्पण किया जाता है वह सभी चीज तुलसी विवाह में चढ़ती है, खास तौर पर पंचामृत का भोग तुलसी विवाह में लगता है।
Conclusion – Tulsi Vivah kaise kare
आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको मुख्य रूप से बताया कि तुलसी विवाह कैसे करें और तुलसी विवाह करने के लिए कौन-कौन से विधि विधान होते हैं।
इसके अलावा तुलसी विवाह बनाने हेतु आपको मंडप कैसे बनाना होता है और आपको किस प्रकार तुलसी विवाह की विधि पूर्ण पूजा कर सकते हैं सभी प्रकार की जानकारी एक विस्तार पूर्वक तरीके से हमने आपको बताइ है।
ऐसा आशा करती हूं कि हमारे द्वारा दी जाने वाली यह सभी जानकारी आपको पसंद आई है धन्यवाद।